ना हीरो की तमन्ना है और ना परियों पे मरता हूँ वो एक"भोली" सी लडकी हे जिसे मैं मोहब्बत करता हूँ 2. ज़रा देख तो मेरा रोना था दिल के जो करीब था उसी को हमसे दूर होना , जिसको खोने से डरते थे , उसी को पड़ा खोना l
Read Moreकठिनाइयों - जब तक आप अपनी समस्याओं एंव कठिनाइयों की वजह दूसरों को मानते है, तब तक आप अपनी समस्याओं एंव 2. जीवन - जब तुम पैदा हुए थे तो तुम रोए थे जबकि पूरी दुनिया ने जश्न मनाया था अपना जीवन ऐसे जियो कि तुम्हारी
Read Moreसख़्त हाथों से भी, छूट जाती हैं कभी उंगलियाँ, रिश्ते ज़ोर से नहीं, तमीज़ से थामे जाते हैं. 2. दुसरो का गुस्सा और अपनी अकल, सबको ज़्यादा ही लगता है l 3. यहाँ मज़बूत से मज़बूत लोहा टूट जाता है, कई झूठे इकट्ठे हो तो सच
Read Moreएक वक्त ऐसा भी आता है, जब सब कुछ ठीक हो जाने के बाद भी मुस्कुराने का दिल ही नहीं करता... 2. मुँह खोल कर तो हंस देता हूँ मैं हर किसी के साथ , लेकिन दिल खोल कर हंसे मुझे ज़माने गुज़र गए l 3 आसान नहीं है उस सख्स
Read Moreएक बार बस के कंडक्टर ने एक बच्चे से पूछा- तुम हर रोज दरवाजे के पास ही खड़े रहते हो तुम्हारा बाप चौकीदार है क्या? बच्चा बहुत ही शरारती था। वो बोला- तुम हमेशा मुझसे पैसे मांगते रहते हो, तुम्हारा बाप भिखारी है क्या?
Read Moreजब आंख खुली तो अम्मा की गोदी का एक सहारा था उसका नन्हा सा आंचल मुझको भूमण्डल से प्यारा था उसके चेहरे की झलक देख चेहरा फूलों सा खिलता था उसके स्तन की एक बूंद से मुझको जीवन मिलता था हाथों से बालों को नोंचा
Read Moreबचपन मे 1 रु. की पतंग के पीछे , २ की.मी. तक भागते थे , न जाने कितनी चोटे लगती थी, वो पतंग भी हमे बहोत दौड़ाती थी , आज पता चलता है, दरअसल वो पतंग नहीं थी , एक चैलेंज था, खुशियों को हांसिल करने के लिए दौड़ना पड़ता
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